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Showing posts from May, 2020

मुझे से बात करने के लिए cilickकरे geeta

सुब्रह्मण्यन् चन्द्रशेखर का जन्म लाहोर मे 19 अक्तूबर , 1910 को हुआ । उसके  पिता सुब्रामन्यिन आयर  सरकारी सेवा मे थे। सी.वी.रमन, विज्ञान में पहले भारतीय नोबेल पुरस्कार विजेता चन्द्रशेखर के पिता के छोटे भाई थे। चन्द्रशेखर का बाल्य जीवन मद्रास (अब चेन्नई) में बीता। ग्यारह वर्ष की आयु में मद्रास प्रेसिडेंसी कालेज में उसने दाखिला लिया जहां पहले दो वर्ष उसने भौतिकी, कैमिस्टरी, अंगरेजी और संस्कृत का अध्ययन किया। चन्द्रशेखर ने 31, जुलाई 1930 को उच्च शिक्षा के लिए इंग्लैंड का प्रस्थान किया और इस प्रकार एक लबां और शानदार वैज्ञानिक कैरियर आंरभ किया जो 65 वर्षों तक विस्तृत था। पहले छ: वर्षों को छोड़, उसने शिकागो विश्वविद्यालय मे काम किया। उसका अनुसाधान उत्पादन अपूर्व है और चन्द्रशेखर द्वारा प्रकाशित प्रत्येक मोनोग्राफ या पुस्तक गौरवग्रन्थ बन गए हैं। संबंधित क्षेत्रों का कोई भी गम्भीर विद्यार्थी चन्द्रशेखर के काम की उपेक्षा नहीं कर सकता। वह किसी एकल समस्या से नहीं बल्कि इस इच्छा से प्रेरित था कि समस्त क्षेत्र पर सापेक्ष महत्व या महत्वहीनता के बारे में वह कभी चिन्तित नहीं था। उसे

अभी में ऑनलाइन हुं निशा

राम हमारी अनँत आस्था के केँद्र युगों युगों से हमारे अपने राम हमे जीवन जीना सिखाने वाले राम जहां भी गए उस स्थान को तीर्थ बना देने वाले राम 14 वर्ष के वनवास में राम कहां-कहां रहे? प्रभु श्रीराम को 14 वर्ष का वनवास हुआ। इस वनवास काल में श्रीराम ने कई ऋषि-मुनियों से शिक्षा और विद्या ग्रहण की, तपस्या की और भारत के आदिवासी, वनवासी और तमाम तरह के भारतीय समाज को संगठित कर उन्हें धर्म के मार्ग पर चलाया। संपूर्ण भारत को उन्होंने एक ही विचारधारा के सूत्र में बांधा, लेकिन इस दौरान उनके साथ कुछ ऐसा भी घटा जिसने उनके जीवन को बदल कर रख दिया। रामायण में उल्लेखित और अनेक अनुसंधानकर्ताओं के अनुसार जब भगवान राम को वनवास हुआ तब उन्होंने अपनी यात्रा अयोध्या से प्रारंभ करते हुए रामेश्वरम और उसके बाद श्रीलंका में समाप्त की। इस दौरान उनके साथ जहां भी जो घटा उनमें से 200 से अधिक घटना स्थलों की पहचान की गई है। जाने-माने इतिहासकार और पुरातत्वशास्त्री अनुसंधानकर्ता डॉ. राम अवतार ने श्रीराम और सीता के जीवन की घटनाओं से जुड़े ऐसे 200 से भी अधिक स्थानों का पता लगाया है, जहां आज भी तत्संबंधी स्मारक स्थल

विज्ञान के चमत्कार

  हिन्दी निबंध : विज्ञान के चमत्कार प्रस्तावना :  आज पूरी दुनिया में विज्ञान की पताका लहरा रही है। जीवन तथा विज्ञान एक-दूसरे के पर्याय बन गए हैं। विज्ञान से मानव को असीमित शक्ति प्राप्त हुई है। आज मनुष्य विज्ञान की सहायता से पक्षियों की भांति आसमान में उड़ सकता है। गहरे से गहरे पानी में सांस ले सकता है। पर्वतों को लांघ सकता हैं तथा कई मीलों की दूरियों को चंद घंटो में पार कर सकता है। आज मनुष्य ने विज्ञान की सहायता से कई बड़े क्षेत्रों में सफलता पाई है जैसे कि चिकित्सा, सूचना क्रांति, अंतरिक्ष विज्ञान, यातायात आदि। विज्ञान के चमत्कार :  ईंधन, सूचना, कम्प्यूटर उपकरण आदि ऐसे कई अनोखे साधन विज्ञान ने दिए है जिनसे जीवन बेहद सरल और संपन्न हो गया है। बिजली द्वारा संचालित पंखें, ए.सी, टीवी, कूलर, लाइटस आदि कई साधन मानव को विज्ञान से प्राप्त हुए हैं। अब तो विज्ञान ने बिजली के कई ऐसे उपकरण प्रदान किए हैं जिनसे मानव का काम और भी आसान बन गया है जैसे : वेक्यूम क्लिनर, सोलर गैस, मोबाइल फोन, हीटर आदि। विज्ञान द्वारा किए गए यह सभी अविष्कार मनुष्य के लिए वरदान साबि

नाइट्रोजन

https://nschorotiya.blogspot.co जानें मानव शरीर के लिए नाइट्रोजन महत्वपूर्ण क्यों ह https://nschorotiya.blogspot.com/?m=1     नाइट्रोजन का संकेत N होता है. यह पौधों और जानवरों के जीवित रहने के लिए आवश्यक है. हमारा वातावरण लगभग 78% नाइट्रोजन से बना हुआ है. यह हमारे शरीर में एमिनो एसिड बनाने के लिए प्रयोग किया जाता है जो बदले में प्रोटीन बनाते हैं. न्यूक्लिक एसिड बनाने के लिए भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, जो डीएनए और आरएनए बनाते हैं. पृथ्वी पर मानव या अन्य प्रजातियों को एक 'निश्चित' प्रतिक्रियाशील रूप में नाइट्रोजन की आवश्यकता होती है. क्या आपको पता है कि प्रतिक्रियाशील नाइट्रोजन का उपयोग क्यों और कहां किया जाता है? यह भोजन उत्पादन प्रक्रिया के लिए भी आवश्यक है. 1900 तक हम खाद के रूप में यानी खाद्य प्रसंस्करण के लिए स्वाभाविक तौर पर नाइट्रोजन का उपयोग करते थे. लेकिन औद्योगिक प्रक्रिया हैबर-बॉश (Haber-Bosch) के आविष्कार के बाद, प्रतिक्रियाशील नाइट्रोजन को फिक्स किया जा सकता है, जो कि भोजन को संसाधित करने में मदद करेगा. हम अपने शरीर में नाइट्रोजन कैसे लेते हैं

विज्ञान में अपना शोध पत्र केसे लिखे और कमाए पैसे

वह लोगों को तेजी से और आसानी से शुरू करें अपना विज्ञान शोध पत्र विज्ञान पत्र लिखना दिलचस्प है और शोध करना आसान है क्योंकि ऑनलाइन बहुत सारे वर्तमान और प्रतिष्ठित पत्रिकाएं हैं। नीचे दिए गए विषय प्रश्नों के माध्यम से ब्राउज़ करके शुरू करें, फिर कुछ लिंक किए गए लेखों को देखें या दिए गए लिंक के साथ अपनी खोज ऑनलाइन जारी रखें।   यदि आपको यहां कोई विषय नहीं मिलता है, तो आप इसे देखना चाहते हैं: शोध पत्रों के लिए  100 प्रौद्योगिकी पेपर विषय 150 विज्ञान निबंध विषय के विचार या यदि आप एक विज्ञान प्रयोग की तलाश में छात्र हैं, तो मैंने विभिन्न प्रकार के प्रोजेक्ट्स के लिए चरण-दर-चरण निर्देश पोस्ट किए हैं और आप मेरे लेख में लिंक की एक सूची पा सकते हैं:  विज्ञान मेला प्रयोग  । COVID-19 विषय COVID-19 वैक्सीन विकसित करने के लिए क्या कदम हैं? क्या लॉकडाउन कोरोनावायरस संचरण को कम करने में मदद करते हैं? सीओवीआईडी ​​-19 से मरने वाले लोगों का प्रतिशत सामान्य आबादी में उनके प्रतिशत से अधिक क्यों है? COVID-19 वाले कुछ लोगों को पाचन संबंधी समस्याएं क्यों होती हैं? हल्के मामलों के